दिल्ली में नई सरकार के नए तेवर, रेखा गुप्ता ने विकास को दी प्राथमिकता
देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता में ढाई दशक से भी ज्यादा समय के बाद वापसी करने वाली बीजेपी सरकार चुनावी वादों को पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पहले बजट में एक घोषणा की थी. अब उसे पूरा करने की दिशा में पहला और बड़ा कदम उठा लिया गया है. दिल्ली सरकार ने अगले एक साल में शुरू होने वाले 75 नए सीएम श्री स्कूलों के लिए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें मौजूदा सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इन नए स्कूलों में ट्रांसफर के लिए आवेदन करने को कहा गया है.
सर्कुलर के अनुसार, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGTs), ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स (TGTs), प्राइमरी टीचर्स (PRTs) और अन्य विविध शिक्षकीय पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक शिक्षकों को 9 जून रात 11:59 बजे तक ईमेल के माध्यम से आवेदन जमा करना होगा. आवेदन वही शिक्षक कर सकते हैं, जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम पांच साल का समय बचा हो. भर्ती प्रक्रिया के तहत इंटरफेस सत्रों का आयोजन 11 जून को PRTs और TGTs के लिए तथा 12 जून को PGTs और अन्य विषयों के शिक्षकों के लिए किया जाएगा. यह सेशन सुबह 10 बजे से शुरू होंगे.
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, इन 75 सीएम श्री स्कूलों में से 12 स्कूल पूरी तरह से नए भवनों में बनाए जाएंगे, जबकि शेष 63 मौजूदा सरकारी स्कूलों की इमारतों में ही विकसित किए जाएंगे. इन इमारतों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर अपग्रेड किया जाएगा, ताकि वे सीएम श्री मानकों के अनुरूप बन सकें. सीएम श्री स्कूलों की घोषणा दिल्ली बजट 2025-26 के दौरान की गई थी. इस योजना के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. यह पहल केंद्र सरकार की पीएम श्री स्कूल योजना की तर्ज पर आधारित है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करना है.
अल्ट्रा मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर
सीएम श्री स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शिक्षण उपकरण, डेटा साइंस और रोबोटिक्स जैसे आधुनिक विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी. सरकार का उद्देश्य छात्रों को भविष्य के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण और समकालीन शिक्षा उपलब्ध कराना है. शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि चुने गए शिक्षकों को सीएम श्री स्कूलों के लिए एक अलग प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे नए एजुकेशनल कॉन्सेप्ट और तकनीकों को प्रभावी रूप से लागू कर सकें. इस पहल को दिल्ली की सरकारी स्कूल प्रणाली में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो न सिर्फ छात्रों के लिए नए अवसर खोलेगा, बल्कि शिक्षकों के लिए भी नई जिम्मेदारियों और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगा.