नेहरू की विरासत को बदनाम करने भ्रम फैलाने की कोशिश है नेशनल हेराल्ड केस : सुरजेवाला

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट दाखिल होने के बाद से कांग्रेस आगबबूला है. जांच एजेंसी के साथ ही पार्टी की ओर से केंद्र सरकार को भी घेरा जा रहा है. इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक पोस्ट कर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा, नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की सच्चाई क्या है? क्योंकि आजकल BJP और मोदी सरकार द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट और अटैच की गई संपत्ति बहुत चर्चा में है. क्या यह सच है या झूठ है? क्या यह असलियत है या फर्जीवाड़ा है? केवल साधारण तथ्यों से इसका आंकलन आप लगा सकते हैं. नेशनल हेराल्ड अखबार क्या है?
सुरजेवाला ने कहा, इस अखबार को साल 1937 में जंग-ए-आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित किया गया. इसकी मालिक कंपनी एजेएल बनी. जिसके प्रणेता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, टंडन, किदवई व अन्य स्वतंत्रता सेनानी थे. यह अखबार स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज उठाता आया, आजादी के आंदोलन की आवाज उठाता आया. इसी वजह से नेशनल हेराल्ड अखबार को अंग्रेजों ने 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में इस पर बैन लगाया, जो 1945 तक चला. 1945 से आज तक यह अखबार चल रहा है और इसकी कंपनी एजेएल है.
…तो यह जिम्मेदारी कांग्रेस की थी
उन्होंने कहा, आजादी मिलने के बाद यह अखबार अपने कर्मचारियों की तनख्वाह, वीआरएस की राशि, नगरपालिका कर, वैधानिक बकाया और जो कानूनी देनदारी नहीं चुका पाया, तो यह जिम्मेदारी कांग्रेस की थी. कांग्रेस ने समय-समय पर अखबार और एजेएल को कर्ज देकर इन सारी राशियों का भुगतान किया. क्योंकि यह स्वतंत्रता संग्राम की आवाज थी, जो कि करीब 90 करोड़ रुपए थी.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ये अखबार प्रॉफिट नहीं कमाता. इसलिए वह इस राशि का भुगतान कभी कर ही नहीं सकता था तो इसका हल क्या हो. ऐसे में कानूनी राय ली गई और एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी बनाई गई, जिसका नाम Young India Limited था. सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके शेयर होल्डर बने. इसके अलावा शेयर होल्डर और डायरेक्टर सैम पित्रोदा, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा बने. फिर उस कंपनी ने 50 लाख रुपये कांग्रेस पार्टी को देकर 90 करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया. अब नेशनल हेराल्ड तो वह कर्ज चुका नहीं सकता था, इसलिए उन्होंने Young India Limited को इसके शेयर अलॉट कर दिए.
2012 में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिकायत की
सुरजेवाला ने कहा नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी क्या होती है, Young India Limited ना किसी को तनख्वाह दे सकती, ना डिविडेंड दे सकती, ना प्रॉफिट शेयर दे सकती, ना संपत्ति बेच सकती और ना ही उसके शेयर बेचे जा सकती. इसलिए ऐसी कंपनी से कोई फ़ायदा हो नहीं सकता. अब 2012 में चुनाव आयोग में सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा कांग्रेस पार्टी के खिलाफ शिकायत दायर की गई, जिसमें कहा गया कि 90 करोड़ रुपये का कर्ज क्यों दिया गया?
जब चुनाव आयोग इस शिकायत को खारिज कर देता है, इसकी अपील वह सुप्रीम कोर्ट में दायर नहीं करते हैं. उसके बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक दरख्वास्त ईडी को दी. यह दरख्वास्त भी अगस्त 2015 में ईडी द्वारा खारिज कर दी जाती है. जब बीजेपी को लगा कि इसमें कुछ गलत है ही नहीं और ये सारी चीजें चुनाव आयोग ने भी बंद कर दी और अब खुद उनकी सरकार में ईडी ने भी केस को बंद कर दिया तो आनन-फानन में ईडी डायरेक्टर राजन कटोच को बदल दिया जाता है. फिर सितंबर 2015 में बंद हुए केस को दोबारा चालू किया जाता है, जिसमें अब 10 साल के बाद एक फर्जी आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है.
सुरजेवाला ने कहा, ऐसे में हमारे बड़े सीधे सवाल हैं-
- क्या यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल या नेशनल हेराल्ड की कोई संपत्ति खरीदी…नहीं
- क्या एजेएल या नेशनल हेराल्ड की कोई संपत्ति यंग इंडिया लिमिटेड या सोनिया गांधी, राहुल गांधी या किसी और डायरेक्टर/शेयरहोल्डर के नाम हो गई…नहीं
- क्या एजेएल या नेशनल हेराल्ड से एक रुपया भी लिया गया…नहीं
- क्या नेशनल हेराल्ड की संपत्ति उसी के पास है…हां
- जब कोई संपत्ति ली और दी ही नहीं गई, जब एक पैसे का लेनदेन ही नहीं हुआ तो मनी लॉड्रिंग और अपराध क्या हो गया?
कांग्रेस महासचिव ने कहा, साधारण भाषा में कहा जाए तो अखबार हमारा, स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई हमने लड़ी, अखबार स्वतंत्रता संग्राम में हमने बनाया, आज तक अखबार हम चला रहे हैं, अखबार में सारा खर्चा और लोन कांग्रेस पार्टी ने दिया तो फिर बीजेपी और मोदी सरकार के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?
उन्होंने कहा, ना कोई अपराध हुआ, ना एक पैसे का लेनदेन हुआ, ना किसी संपत्ति का ट्रांसफर हुआ, ना कोई संपत्ति बेची जा सकती, ना कोई संपत्ति बेची गई, ना एक रुपये की तनख्वाह ली गई, ना एक रुपया डिविडेंड लिया गया, ना एक रुपया प्रॉफिट लिया गया. तो अपराध क्या है? ये सवाल हैं, जिसका जवाब बीजेपी को देना पड़ेगा. सोनिया गांधी और राहुल गांधी जनता की आवाज उठाते हैं. कांग्रेस जनता के साथ खड़ी है. इसीलिए राजनीतिक प्रतिशोध के चलते झूठे मुकदमे और आरोप पत्र दायर किए जा रहे हैं. हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, सीना ठोक कर लड़ेंगे.