सिंगाजी समाचार
ज्योति शर्मा


सागर।भारतीय संस्‍कृति में गुरूकुल का अहं कार्य है ! विद्यालय के शिक्षक बाल्‍य, किशोरा एवं युवावस्‍था तक की यात्रा में ज्ञान से दिक्षित कर शिष्‍य को दक्ष बनाते है । यह विचार सागर लोकसभा क्षेत्र की सांसद डॉ. लता वानखेड़े  ने जिला कचहरी स्थित सांसद संवाद केन्‍द्र पर शिक्षकों का सम्‍मान करते हुए कहीं, उन्‍होंने कहा क‍ि शिक्षक मोमबत्‍ती के समान है जो स्‍वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है ।उसी प्रकार शिक्षक तरासकर शिष्‍यों को अपने से भी ऊपर उच्‍च शिखर पर स्‍थापित करने का भाव रखता है। उन्‍होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन जी ने शिक्षक से राष्‍ट्रपति तक की यात्रा की परन्‍तु अपने जन्‍मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परम्‍परा का संदेश देकर नवपीढ़ी को एक मिशाल दी है।
उन्‍होंने कहा कि देश यशस्‍वी प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति के तहत पुन: स्‍थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है ।  उन्‍होनें शिक्षक दिवस के अवसर पर हर्ष श्रृंगार का पौधा, शाल-श्रीफल, भेट कर शिक्षकों का सम्‍मान किया । इस अवसर पर जिन शिक्षकों का सम्‍मान किया गया उनमें मुख्‍यत: ललित मोहन जी, पं. धमेन्‍द्र शर्मा, जुगल किशोर उपाध्‍याय, उपेन्‍द्र गुप्‍ता, सुरेन्‍द्र दुबे, नरेश कुमार विश्‍वकर्मा, रामकृष्‍ण शर्मा, शामिल हैं।इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिला अध्‍यक्ष हरिराम सिंह ठाकुर, जिला उपाध्‍यक्ष रामेश्‍वर नामदेव, डॉ. डी.पी. चौबे, रामकुमार साहू, उमेश सिंह, सुभाष नेमा, महेन्‍द्र गोवास्‍मी, विनोद चोकसे, संजीव सराफ, मनीष नेमा सहित अन्‍य गणमान्‍य नागरिक उपस्थित थे ।

 

न्यूज़ सोर्स : संवाददाता